जन-जन जागरूकता की ऐसी बनाये सीढ़ी, ऑटिज़्म से पीड़ित ना हो आने वाली पीढ़ी। |
ऑटिस्टिक गौरव दिवस , हर साल 18 जून को मनाया जाता है। यह दिवस ऑटिज्म से ग्रस्त लोगों को समाज में महत्व और गौरव की अनुभूति कराने के लिए मनाया जाता है। इससे से पीड़ित लोग अक्सर मानवाधिकारों के उल्लंघन, भेदभाव और कलंक के अधीन होते हैं। ऑटिज्म मस्तिष्क विकास में उत्पन्न बाधा संबंधी विकार है। ऑटिज्म से ग्रसित व्यक्ति दूसरों से अलग स्वयं में खोया रहता है। इस चीज को दूर करने के मकसद से ऑटिस्टिक गौरव दिवस मनाया जाता है। ताकि वे अपने आप को समाज से अलग नहीं समझे। ऑटिज़्म एक मानसिक रोग है जिसके लक्षण जन्म से ही या बाल्यावस्था से नज़र आने लगतें हैं। जिन बच्चो में यह रोग होता है उनका विकास अन्य बच्चो की अपेक्षा असामान्य होता है। इस वर्ष ‘ऑटिस्टिक गौरव दिवस’ का लक्ष्य इसी ऑटिज़्म से पीड़ित लोगों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ना है। इस संवेदनशील विषय पर महावीर सीनियर मॉडल स्कूल के हिंदी संस्कृत विभाग द्वारा प्राथमिक व माध्यमिक स्तर पर विभिन्न क्रियाकलापों का आयोजन किया गया जिसमें छात्रों ने कविता-वाचन, भाषण, पीपीटी,पोस्टर इत्यादि द्वारा समाज में ऑटिज्म के प्रति संवेदनशील व जागरूकता द्वारा इस विकार से ग्रस्ति व्यक्तियों को समाज से जोड़ने का आह्वान किया गया तथा छात्रों में आत्मविश्वास जागृत करने के साथ-साथ समाज-कल्याण की भावना को जोड़ना भी था। ऑटिस्म जैसे मानसिक विकार से ग्रस्ति व्यक्तियों के प्रति संवेदनशील व सहानुभूतिपूर्ण व्यवहार करने की भावनाओं को छात्रों विविध आयामों से प्रस्तुत किया।