“ कहानी एक ऐसा शब्दों का ताना-बाना है पाठक के मन मस्तिष्क को प्रभावित करता है।
बचपन से ही हम किसी न किसी से कहानी सुनते आ रहे हैं , घर में अपने दादा - दादी , नाना - नानी , मम्मी - पापा से और हमारा दूसरा घर जिसे हम विद्यालय कहते हैं। हिंदी के कथा सम्राट मुंशी प्रेमचंद जी ने जहां मनुष्य जीवन के बाहरी जगत की पीड़ा के विविध रूपों से हमें परिचित कराया वहीं जैनेंद्र जी ने मनुष्य के मनोजगत का दर्शन कराया।
कक्षा आठवीं और नवमी के विद्यार्थियों ने इस प्रतियोगिता में भाग लेकर उपरोक्त हिंदी साहित्यकारों द्वारा रचित कहानियों को मंच पर प्रभावशाली वाचन द्वारा सराहनीय प्रस्तुति दी ।
के परिणाम इस प्रकार से रहे
आठवीं कक्षा में प्रथम स्थान पर राघव गुप्ता, द्वितीय स्थान पर देवहूति जैन व तृतीय स्थान संयुक्त रूप से मानस रस्तोगी और रक्षिता यादव रहे तथा सांत्वना पुरस्कार विजेता नैतिक भट्ट और प्रणव गुप्ता घोषित किए गए ।
नवमी कक्षा में प्रथम स्थान पर रितु , द्वितीय स्थान पर जारूल भरारा व तृतीय स्थान पर सोनाली रही तथा सांत्वना पुरस्कार के विजेता ओजस्वी वर्मा रहे।